सक्षम के पिता अनपढ़ थे व उम्र भर प्लम्बर( plumber) का काम करते रहे , पर उन्होंने अपने इकलौते बेटे को खूब पढ़ाया लिखाया व इंजीनियर बनाया ।
उच्च शिक्षा के साथ साथ उच्च संस्कार भी दिए थे पिता ने । नौकरी के लिए शहर भेजते समय पिता ने कहा ” बेटा ,जिंदगी में खूब तरक्की करो खूब पैसा कमाओ पर अपने जीवन की आधारशिला कभी मत भूलना । यह सोच कभी भी तुम्हारे मन मे अहंकार पैदा नही होने देगी ”
आज सक्षम के पिता कई महीनों बाद उससे मिलने शहर आये थे । सुबह जब बेटे को कोट पेंट पहनकर व टाई लगाकर आफिस जाते देखा तो बहुत गर्वित महसूस किया । शाम को आफिस से आने के बाद बाप बेटा दिल की बातें करने लगे ।
“पिता जी , अब आप यहीं मेरे पास ही आ जाओ , गावँ में क्या रखा है , और हां अब आपको वो प्लम्बर का काम करने की कोई ज़रूरत नही ”
तभी एक फोन आता है
” जी जी , ठीक है , अभी 10 मिनट में पहुंच जाता हूँ ”
“कहाँ जाना है इस वक़्त बेटा ? ”
“पिता जी , बस कभी कभी शाम को कुछ पार्ट टाइम काम होता है , मैं अभी थोड़ी देर में आ जाऊंगा, आप आराम करिये ”
पिता आश्चर्यचकित हो गए परन्तु और भी अधिक गौरवान्वित महसूस कर रहे थे जब सक्षम ने अपनी प्लम्बर टूलकिट उठायी और पार्ट टाइम काम के लिए जाने लगा ।
बेटा सच मे अपनी आधारशिला नही भूला था ।
Linking this post with Tina and Mayuri for #fridayfotofiction
Comments
Post a Comment