जानते हैं ? मेरी माँ केवल 10 साल की है , पर मैं अपनी माँ को पहचानती नही हूँ , ना ही मैं अपने पिता को पहचानती हूँ। अरे , मैं क्या , मेरे पिता को तो मेरी माँ भी नही पहचानती ।
यह है हमारे समाज का एक काला डरावना सच ।
मात्र दस साल की गुड़िया , जिसकी अभी गुड़िया से खेलने की उम्र है , एक नन्ही सी गुड़िया की माँ बन गयी ।
दस साल ? केवल दस साल की उम्र ??? सुनकर धक्का सा लगता है , अचंभा सा होता है , पर ये सच है , हमारे समाज का एक डरावना सच । दस साल की एक लड़की का रेप हो जाता है , वो गर्भवती हो जाती है , गर्भपात करवाने की इजाज़त के लिए कोर्ट में अपील की जाती है , लेकिन इजाज़त नही मिलती । डॉक्टर कहते हैं लड़की अभी वयस्क नही है , इसलिए माँ और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है ।
यह घटना पिछले साल चंडीगढ़ में हुई और उस दस साल की लड़की (जिसे हम गुड़िया कहें या रेप पीड़िता ? ) ने 17 अगस्त 2017 को एक नन्ही सी गुड़िया को जन्म दिया । आप सोच सकते हैं दस साल की उम्र क्या होती है ? वो नादान बचपन , वो मासूमियत से भरा दिल , अटखेलियां करने की उम्र , ज़िन्दगी के सुनहरे सपने , सब काले धुँए की तरह होकर रह गए । साल भर पहले गुड़िया बच्चों के साथ खेलती रहती , गुड्डे गुड़िया का ब्याह रचाती, प्यार दुलार में माँ के पीछे पीछे भागती, पिता की गोद मे चढ़कर गर्व महसूस करती , अपनी चहचहाहट भरी बातों से पूरे घर को महकाये रखती , वो गुड़िया जो इतनी मासूम थी , अचानक से जीवन के कई संगीन व भयभीत कर देने वाले पहलुओं से वाकिफ हो गयी ।
माँ का पल्लू पकड़ कर रखने वाली गुड़िया कहाँ से इतनी कम उम्र में माँ का फर्ज निभा सकती है ? गुड़िया के परिवारवालों ने नन्ही सी जन्मी जान को देखने भर से भी इनकार कर दिया ।
उस नई जन्मी नन्ही सी जान के बारे में सोचने लगें तो उसका क्या दोष है ? अपने पिता से तो वो अनजान है ही , और उसकी माँ ने उसे देखने भर से भी इनकार कर दिया । क्या उन दोनों के बीच उन 9 महीनों में कोई रिश्ता नही जुड़ा होगा ? लेकिन जल्द ही उसे हमेशा के लिए अनाथाश्रम में भेज दिया जाएगा ।
दिमाग सुन्न हो जाता है । किस किस का कसूर निकालें ? उस अनजान पिता का ? गुड़िया का ? समाज का ? कोर्ट का ? डॉक्टर का ? या फिर उस भगवान का ?
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