
My City burning
आसमान में हर तरफ काला धुंआ छा गया , गोलियों की लगातार आवाज़ें आ रही थी , गाड़ियां जल रही थीं, घरों के व कई बिल्डिंगो के शीशे तोड़ दिए गए , कई सरकारी दफ्तरों में आग लगा दी गयी , भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया था , कई लोग मारे गए , सैंकडों घायल हो गए , पूरा शहर जल उठा । #deraviolence
यह सब पंचकूला शहर में 25 अगस्त को हुआ , जब अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम सिंह को दोषी करार दे दिया । वह बाबा जो अपने आप को MSG (messenger of god ) कहते हैं । बाबा के लाखों अनुयायी पंचकूला में एकत्रित थे , जो फैसला आने से पहले तक यह कह रहे थे कि वे शांति रखेंगे , वे तो सिर्फ अपने बाबा जी के दर्शन हेतु आये हैं, अचानक उनमे से कई हज़ारों अनुयायियोँ ने गुण्डों का रूप ले लिया ।
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Panchkula burning
हम पंचकूला में ही रहते हैं और हमारे घर से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर यह सब घटित हुआ । पूरे शहर में दहशत का माहौल बन गया था । शहर की बिजली भी कई घंटों के लिए बंद कर दी गयी । बाहर कर्फ्यू , घर के अंदर बिना बिजली के बैठे , और लगातार गोलियों की आवाज़ें सुनते रहे । यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि यह सब हमारे आसपास Live घटित हो रहा था । डर था कि कभी भी भीड़ में से कुछ उग्र लोग हमारे घर पर भी हल्ला बोल सकते हैं । हमने अपनी कार में से भी ज़रूरी कागज़ निकाल कर बाहर रख लिए , क्योंकि हमारा मन इस बात के लिए तैयार था कि हमारी कार को भी किसी भी समय भीड़ जला सकती है। #deraviolence
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सब लोग अपने अपने घरों के दरवाजे बंद करके अंदर सहमे बैठे रहे । बच्चे , बड़े, बूढे , सब गोलियों की आवाजों से व भीड़ की चिल्लाहट से घबराए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे । मेरी बेटी जो दस साल की है , डर के मारे रोने लगी और मुझसे पूछती है – मम्मा , सब लोग लड़ते क्युँ हैं ? क्या ये हमको भी मार देंगे ? मुझे उसे समझाने के लिए शब्द कम पड़ रहे थे ।
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Panchkula burning
पुलिस ने जब भीड़ को भगाना चाहा तो कुछ लोग यहां रहने वाले लोगों के घरों में घुस गए । बहुत धक्कामुक्की हुई सड़कों पर । जहां देखो वहां चप्पलें, कपड़े , खून बिखरा पड़ा दिखा।#deraviolence
पर शुक्र रहा भगवान का कि हमारे पंचकूला के किसी भी वासी को कोई क्षति नही पहुंची ।
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आखिर ये जो क्रोध दिखाया गया , ये किस लिए ?? क्या ऐसा होता है अपने गुरु के लिए प्यार जिसमे अपनों की ही जानें चली जाएँ ? इतनी ईर्ष्या, इतना द्वेष , इतना आक्रोश , क्या यही सिखाता है हमारा धर्म ? हम सब देशवासी तो एक परिवार हैं, अगर परिवार के लोग आपस मे ही इतना लड़ते रहेंगे तो बाहर के दुश्मनों के लिए तो हमारे परिवार को मार गिराना बहुत आसान हो जाएगा ।
क्या यही ईर्ष्या पूर्ण संदेश देने आते हैं messenger of God ?
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