मातृत्व एक ऐसा शब्द है जिसकी परिभाषा नही दी जा सकती । ये एक ऐसा एहसास है जो दुनिया के बाकी सब एहसासों से ऊपर है । मातृत्व की शुरुआत तो तभी से हो गयी थी जब वो testing kit पर दो pink लाइनें देखी । मन मे एक गज़ब की तरंग उठी थी। उसी समय एक अनजान से नन्ही जान के कण के साथ Pink Bond की शुरुआत हो गयी थी , एक ऐसा रिश्ता जो समय के साथ साथ और गहरा, खूबसूरत व सुगंधित होता चला गया । उस testing kit को ही बहुत समय तक सहेज कर रखा था मैंने।
अपने अंदर एक नन्ही सी जान का अनुभव , बार बार अपने पेट को छूकर मुस्कुराना और उससे प्यार जताना , कोई भी काम करने से पहले नन्ही जान के बारे में सोचना , इन्ही सब से मातृत्व प्यार दिन ब दिन बढ़ रहा था।जैसे ही नन्ही जान ने इस दुनिया मे कदम रखा , मैंने डॉक्टर से पूछा बेटा हुआ है या बेटी तो डॉक्टर बोली ” It’s Pink “, मैं समझ गयी बेटी ने जन्म लिया है । उसे पहली बार निहारा तो वो दिखाई भी एकदम pink ही रही थी, किसी गुलाबी रंग के गुलाब के पुष्प की तरह । उसे गोद मे लेते ही आंखों का छलकना ,ये खूबसूरत सा एहसास तो केवल माँ को ही नसीब है । मेरी नन्ही सी Pink, अपनी छोटी छोटी आंखों को बड़ा बड़ा खोलकर इधर उधर देखकर ये जानने की कोशिश में थी कि भगवान ने उसे किस संसार मे भेज दिया है । उसी वक़्त उसके साथ वो Pink Bond और पुख़्ता हो गया । अब मेरी बेटी दस साल की हो चुकी है जिसके मन मे हर समय कुछ ना कुछ नया सीखने व जानने की जिज्ञासा रहती है । उसकी आवाज़ से घर चहकता रहता है और धीरे धीरे हमारा रिश्ता माँ बेटी का कम बल्कि सहेलियों जैसा ज़्यादा बन रहा है ।
नन्ही जान के जन्म से कुछ महीने पहले ही उसके लिए कु छ कपड़े , एक मखमली कम्बल व कुछ अन्य चीजें खरीद कर रख ली थी ।उस समान को मैं रोज़ ही निकालकर देखती रहती । उस मखमली कम्बल के साथ तो बहुत यादें जुड़ी हैं। उस कम्बल को ही हम (कभी मैं तो कभी मेरे पति ) एक बच्चे की तरह उठाकर घूमते रहते और भविष्य में आने वाले parenthood को महसूस कर आनंदित होते रहते । अभी भी इतने सालों के बाद भी जब हम उस वक़्त को याद करते हैं तो होंठों पर मुस्कुराहट आ ही जाती है ।
इन सब के इलावा अपनी Pink की सुंदर यादों को कुछ इस तरह से सँजो रखा है मैंने :-
1. Pics :– जन्म के दिन से लेकर अब तक बेटी के कई खास लम्हों को तस्वीरों और videos के रूप में संभाल कर रखा है मैंने । कभी कभी उन सब को देखकर मन मे जैसे सारी पुरानी यादों की एक movie चलने लगती है । ये सब तस्वीरें मैंने अपने कंप्यूटर, फेसबुक, email drive , CD, अलग अलग जगह store करके रखी हैं।
2. Pink Box :– Pink Box बेटी के बचपन का खजाना है । उसकी पहली दूध वाली बोतल, वो छोटी सी Pink frock, पहली
Sandal, वो मख़मली कम्बल , वो स्कूल की पहली नोटबुक जिसमे सबसे पहले उसने आड़ी सीधी लकीरें लगाई , वो सब संभाल कर रखा है मैंने ।
3. Jamu :– सभी बच्चों को बचपन मे कुछ न कुछ खास आदत होती है । मेरी बेटी को Jamu की आदत थी । आप सोच रहे होंगे ये Jamu क्या चीज़ है । दरअसल बचपन में मैंने बेटी के लिए कुछ pyjamas खुद stitch किये थे । उनसे कुछ ज़्यादा ही मोह हो गया था मेरी बेटी को । हर समय उस एक खास pyjama को हाथ मे पकड़कर रखती थी । अभी अच्छे से बोलना नही सीखी थी तो pyjama को Jamu (जामू ) कहती थी । दूध पीना है तो जामू चाहिए, सोना है तो जामू चाहिए , कहीं बाहर जाना है तब भी साथ मे जामू ज़रूर चाहिए । जब कभी हमको कहीं बाहर जाना होता तो सबसे पहले मैं अपने पर्स में जामू रखती । उस जामू को बहुत संभालकर रखा है मैंने । अभी भी जब कभी Pink Box खोलती हूँ तो उस जामू को तो चूम ही लेती हूं और मन खिलखिला उठता है । कितनी प्यारी यादें हैं ना ये सब ।
मातृत्व के अब तक के सफर के बहुत से ऐसे लम्हे हैं जो सिर्फ मन मे यादों के पिटारे के रूप में संजोये हुए हैं। अब तो कभी कभी बेटी के साथ बैठकर वो यादों का पिटारा खोलकर उसे उसी के कुछ खास लम्हों के बारे में सुनाकर मैं और मेरी Pink दोनों ही खुश हो जाते हैं ।
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