मैं आज पुस्तक ‘मन मंथन ‘ का review करने जा रही हूं । यह पुस्तक जिसका review किया जा रहा है , #The Blogchatter Ebook Carnival का हिस्सा है । यह पुस्तक अमित प्रकाश द्वारा लिखी गयी कविताओं का संग्रह है ।
हालांकि मेरी कविताओं में कुछ ज़्यादा रुचि नही है पर दिल ने कहा चलो कुछ नया पढ़ते हैं । दूसरी बात यह कि मैं हिंदी में लिखना चाह रही थी तो सोचा कि सबसे पहले किसी हिंदी पुस्तक का ही review किया जाये।
भाग 1 के शुरू में ही डॉक्टर अमित ने लिखा था कि जब मैंने अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोना चाहा तो फिर लौट न सका । यह ठीक उसी प्रकार है जैसे हम सब का ब्लॉगिंग की दुनिया मे कदम रखना , एक बार जो कदम रखा तो फिर लौटने का नही बल्कि आगे बढ़ते रहने का , कुछ नया सीखते रहने का मन करता है ।
भाग 3 ‘ वेदना ‘ , भाग 4 ‘अंतर्दर्शन’ और भाग 5 ‘तलाश’ के अंतर्गत लिखी कविताएं मन को काफी अच्छी लगीं जिसमे मुश्किल वक्त के दिल के भावों को दर्शाया गया है । जीवन की कठिनाइयों से मनुष्य को जूझना ही पड़ता है व उनसे मनुष्य कुछ न कुछ ज़रूर सीखता है ।
कवि ने उन कठिनाइयों को बहुत ही ताकतवर तरीके से सम्बोधित करते हुए लिखा है कि मैं चीते सी रफ्तार हूं, मैं भट्टी में तपती तलवार हूं , मैं सीमित नही अपार हूं । ‘कौन हूँ मैं’ ज़रूर पढ़िये इस कविता को।
भाग ‘तलाश’ के अंतर्गत लिखी कविता ‘निश्चय ‘ में भी असफलता से न घबराने का और अपने इरादे अडिग रखने का बहुत बढ़िया मंत्र बताया गया है ।
कविता ‘वो बचपन की होली ‘ मन को छू गयी जिसमे इतने प्यारे तरीके से लिखा है कि हम बचपन मे कैसे होली मनाते थे और अब कैसे मनाते हैं । अब तो केवल दिखावे के लिए रंग का टीका लगते हैं पर दिलों में दूरियां हैं।
कवि अमित प्रकाश ने कुछ अहम मुद्दों जैसे नारी शक्ति , शहीद, भ्रूण हत्या, भ्रष्टाचार, पर भी अपने अनमोल भाव लिखे हैं जिन पर विचार करना आज के समाज मे बहुत जरूरी हो गया है ।
हालांकि मैं हिंदी में लिखना पसंद करती हूं पर मेरी हिंदी की vocabulary इतनी अच्छी नही है इसलिए डॉक्टर अमित की कुछ कविताओं के कुछ शब्द अभी मेरी समझ से परे रहे पर कुल मिलाकर बहुत अच्छा काव्य संग्रह है ।
‘मन मंथन’ पढ़ने के बाद कुछ समय ऐसा लगा जैसे दिल से भाव वाक्य बनकर नही बल्कि तरंगें बनकर निकल रहे हैं।
अंत में डॉक्टर अमित प्रकाश से मै यही कहूंगी की अपने दिल के रिसते जज़्बातों को जो आपने मीठे अल्फ़ाज़ दिए हैं उन्होंने मेरे मन मे भी लहरें ज़रूर उठायी हैं।
धन्यवाद
About the author of the book ” मन मंथन ” : Amit is a doctor by profession but beyond the routine hours he is a poet and blogger. He blogs about poetry atdoc2poet..com and other nerdy issues at nerdyindian.blogspot.com ( with little bit of overlapping). He is always keen to connect with like-minded folks and maintains active profiles on all social media platforms.
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