मातृत्व एक ऐसा शब्द है जिसकी परिभाषा नही दी जा सकती । ये एक ऐसा एहसास है जो दुनिया के बाकी सब एहसासों से ऊपर है । मातृत्व की शुरुआत तो तभी से हो गयी थी जब वो testing kit पर दो pink लाइनें देखी । मन मे एक गज़ब की तरंग उठी थी। उसी समय एक अनजान से नन्ही जान के कण के साथ Pink Bond की शुरुआत हो गयी थी , एक ऐसा रिश्ता जो समय के साथ साथ और गहरा, खूबसूरत व सुगंधित होता चला गया । उस testing kit को ही बहुत समय तक सहेज कर रखा था मैंने। अपने अंदर एक नन्ही सी जान का अनुभव , बार बार अपने पेट को छूकर मुस्कुराना और उससे प्यार जताना , कोई भी काम करने से पहले नन्ही जान के बारे में सोचना , इन्ही सब से मातृत्व प्यार दिन ब दिन बढ़ रहा था।जैसे ही नन्ही जान ने इस दुनिया मे कदम रखा , मैंने डॉक्टर से पूछा बेटा हुआ है या बेटी तो डॉक्टर बोली ” It’s Pink “, मैं समझ गयी बेटी ने जन्म लिया है । उसे पहली बार निहारा तो वो दिखाई भी एकदम pink ही रही थी, किसी गुलाबी रंग के गुलाब के पुष्प की तरह । उसे गोद मे लेते ही आंखों का छलकना ,ये खूबसूरत सा एहसास तो केवल माँ को ही नसीब है । मेरी नन्ही सी Pink,...
You are the artist of your life . Design it well !