ये एक ऐसी औरत की ज़िन्दगी है जिसने सारी दुनिया का भ्रमण किया और वो भी अकेले …..उनके इस सफर में कई छोटी बड़ी परेशानियां आयीं लेकिन वो travel करती रहीं…..बिना किसी की परवाह किये……..
Preety SenGupta भारतीय मूल की एक traveller और writer हैं जिन्होंने 7 महाद्वीपों का भ्रमण किया है
गुजरात में जन्मी preety को बचपन से ही travelling का शौक था जो की धीरे धीरे बढ़ता चला गया ….जब इनकी शादी अमेरिका में हुई तो इनके husband ने भी इनके travelling के शौक को जारी रखने में मदद की……चलिए पड़ते हैं उनकी ज़िन्दगी के कुछ किस्से उन्ही के मुख से :—
MY LOVE FOR TRAVELLING:-
मुझे बचपन से ही travelling का शोक था….जब मैं बड़ी हुई तो ये शौक भी बड़ा हो गया….मैंने कभी नहीं सोचा मेरे साथ कौन जायेगा और न ही कभी किसी से पुछा…..मेरा ज़िन्दगी को जीने का अलग ही तरीका था ….मैं सिर्फ पैसा कमाने के पीछे कभी नहीं भागी….मैं ज़िन्दगी को महसूस करना चाहती थी ….मैंने बहुत साल अकेले ही travel किया….बिना किसी bookings और reservations के….हर नयी destination travel करने से मेरा आत्मविश्वास बढ़ता चला गया …..
हालाँकि दुनिया भर में अकेले travel करना इतना सरल तो नहीं रहा जितना सुनने में लग रहा है ….कई मुश्किलों का सामना किया…पर मैं complaint नहीं कर सकती थी क्यूंकि ये रास्ता मैंने खुद चुना था
PEOPLE SAID ” U ARE A GIRL,,HOW CAN YOU TRAVEL ALONE ?”
एक औरत का travel करना ……..वो भी अकेले…….वो भी indian औरत का…वो भी married indian औरत का……उफ़ …आप सोच सकते हैं की कैसी मुश्किलें आयी होंगी और लोगों का बर्ताव केसा रहा होगा….ऐसे ऐसे सवाल ……कौन हो ……क्या करती हो…..इस देश में क्या करने आयी थी……किस किस से मिली ……तुम्हारे पति कहाँ हैं ? शायद मैं जासूस लग रहीं थी उन्हें …..लोग विश्वास ही नहीं कर पाते थे की एक इंडियन औरत सिर्फ traveller भी हो सकती है
कई लोगों ने मुझे fool भी कहा पर मेरे मन ने कहा ” I am a passionate fool about travelling ” ……….. कठिनाईआं न होती तो मैं जूझती किनसे ? जूझे बिना तो आप उन्नति नहीं कर सकते……तरह तरह की कठिनाईओं का सामना करते करते मेरी dictionary में कई शब्दों का permanent स्थान बन गया जैसे की confidence ,fearlessness contentment…….
Dr Abdul Kalam says ” इंसान को कठिनाईओं की आवश्यकता होती है क्यूंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए यह जरुरी है “…….(Read Dr Abdul Kalam’s inspiring thoughts on www.achhikhabar.com)
MY FIRST TRIP AROUND USA
मेरा सबसे पहला ट्रेवल था AROUND USA …. बहुत कुछ सिखने को मिला ……अकेले ट्रेवल के विचार से कभी कभी घबराहट तो ज़रूर होती थी ……एक बार BELGIUM में मैं एक रात स्टेशन पर ही सो गयी ……..रात को तो वहां सन्नाटा था…पर जब सुबह उठी तो लोगों की बहुत चहल पहल थी वहां….मुझे लगा शायद सब मुझे ही देख रहे थे…..तभी मुझे वहां एक अमेरिकन boy से बात करने का मौका मिला….वो कहने लगा की वो अकेले travel कर रहा है और इस वजह से बहुत nervous है ….उसकी इस बात से मुझे थोड़ी तस्सली हुई की अगर यह इतना nervous है तो मेरी थोड़ी सी घबराहट तो जायज़ है
INCIDENT IN DESERT AREA OF AUSTRALIA
ऑस्ट्रेलिया के Desert area में एक जगह है ULURU जहाँ 1000 फट ऊँचा एक पहाड़ है …उसके top पर जाकर आपको ज़मीन दिखाई देनी बंद हो जाती है …सिर्क आकाश और ठंडी हवाएं और निचे जैसे कुछ भी नहीं ……मनो space में लटक रहे हैं ……….जब top से निचे उतरने लगे तो मेरा पैर फिसल गया और मैं तेजी से निचे की और गिरने लगी …चिलाने लगी …..बचाओ बचाओ…तभी एक औरत ने अपने दोनों हाथ फैलाकर मुझे रोक लिया और मैं बाल बाल बच गयी
SCARY INCIDENT IN ICECOLD ANTARCTICA
Antarctic Ocean में ship के सफर के दौरान हमारा ship किसी बहुत बड़ी rock से टकरा गया…..उस टकराव से ship में पानी भरने लगा …..देखते ही देखते जहाज़ टेड़ा हो गया …बिजली चली गयी….भगदड़ मच गयी…….सभी को छोटी छोटी boats में jump करने को कह दिया गया…..मैं भी कूद गयी…सब सामान वहीँ छूट गया…..कपडे,किताबें,कैमरा…….शुक्र हुआ बच गयी
SURPRISE AT A SMALL ISLAND IN PACIFIC
एक बहुत बड़ा surprise था जब एक ऐसे island (जिसे नक़्शे में भी मुश्किल से ढूंढा जाता है ) पर मुझे मेरे अपने लोग मिले ….यानि की गुजरती लोग मिले ……बात करने पर पता चला की वो बहुत सालोँ पहले वहां आकर बस गए थे …..वहां गुजारे 2 दिन बहुत यादगार हैं जब मैंने मन और पेट भर के गुजरती खाना खाया और गर्भा नृत्य भी किया…देखिये दुनिया कितनी छोटी है
MY JOURNEY TO MAGNETIC NORTH POLE
7 continents घूमने के बाद मेने magnetic north pole जाने का भी मन बना लिया जो बहुत ही risky था….इस मुश्किल journey के लिए 5 लोगों की team बनाई गयी जिसमे मैं अकेली औरत थी…..जहाँ तापमान( -45) हो वहां की यादें भी आएं तो ठण्ड लगने लगती है……सब कुछ जमा हुआ…..जहाँ देखो बर्फ ही बर्फ…..वहां भी लोग रहते हैं ………मैं अचंभित थी……..वहां के लोगों के रहन सहन ,culture को भी जाना मैंने
काफी risky और रोमांचक रहा पर हमने भी भारत का तिरंगा magnetic north pole पर लहरा ही दिया… .कई प्रकार के risks उठा रहे थे हम पर सबके चेहरे पर मुस्कान और मन में भगवन का नाम था…….
प्रीति सेनगुप्ता ने अपनी ट्रैवेलिंग के ऊपर बहुत सी किताबें लिखी हैं जिनमे से सबसे अधिक चर्चित है ” My journey to magnetic north pole ” ….. नीचे उसी किताब के अंश देख सकते हैं आप
THE BEST COMPLIMENT I GOT
जानते हैं इतनी travelling करने के बाद जब लोगों में भी मेरी चर्चा होने लगी तो एक बार एक आदमी मेरे पास आया और बोला ” you are like a fish who swims against the current “…. बहुत गहरा compliment था यह मेरे लिए…
हाँ ये सच है की मैंने शायद बाकि दुनिया से उल्ट रास्ता चुन लिया था …घर परिवार को छोड़कर ……….जो society में acceptable नहीं है….पर मुझे जो असीमित संतोष मिला वो मैं ही जानती हूँ …..मुझे किसी की आलोचना या प्रशंसा से कोई फरक नहीं पड़ता……….मैंने अपनी ज़िन्दगी को सही मायनो में जीया
WILL TRY TO SHARE MORE SUCH INSPIRATIONS IN FUTURE AT AluBhujia.com
Thanx for reading ..take care
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