यह कैसा सवाल है “क्या आप सदा के लिए जीवित रहेंगे ?”…….. जी हाँ ,कुछ लोग रहते हैं सदा के लिए जीवित
कल एक किताब हाथ लगी ” Who will cry when you die ?” ( By Robin Sharma )
“कौन रोयेगा जब आप इस संसार से चले जाओगे ?”
उस किताब में पहले पन्ने पर ही लिखा था ” जब आप इस संसार में आये तो आप रो रहे थे और संसार हंस रहा था….आप अपनी ज़िन्दगी ऐसे जियो की जब आप इस संसार से जाओ तो आप खुश हो और संसार रोये …यानि की संसार आपकी यादों में रोये….कुछ ऐसे कर्म कर जाओ की संसार आपको भुला न पाए….कुछ ऐसा कर जाईये की आप किसी के दिल में सदा के लिए जीवित रहें
क्या आप सदा के लिए जीवित रहेंगे ?
आपने जीवन में अच्छे काम किये हों..किसी को शिक्षा दी हो…किसी की मुश्किल वक़्त में मदद की हो….किसी को दिल से प्यार किया हो…किसी को जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया हो….किसी के साथ मन से खिलखिलाकर हँसे हों….किसी बच्चे के साथ बच्चा बन कर बात की हो…किसी अपने से छोटे के सर पे हाथ रखकर उसे प्यार भरी दुआ दी हो….यह सब कार्य आपको मरने के उपरान्त भी जीवित रहने में मदद करते हैं…
सोचिये आप इस धरती गृह पर रहते रहते कितने दिलों को छू गए …?…दरअसल आज के समय में हमने पढ़ाई तो बहुत बड़ी बड़ी कर ली …चाँद पर कदम रख लिया….पर हमारा पडोसी कौन है ये नहीं जानते हम….
information technology के बहुत सारे gadgets हैं हमारे पास पर किसी के दिल तक पहुँचने की technology कहीं खो गयी हमसे…. Email और smart phones की दुनिया में अपने परिवारवालों से भी बात करना भूल गए हम … हमारा humanity से जैसे नाता टूट रहा है…
सोचिये जब आप इस दुनिया से जायेंगे तो किसी अन्य इंसान के जीवन पर कोई छाप छोड़ कर जायेंगे क्या ? क्या आपकी अगली पीडियां आपकी कोई सीख याद किया करेंगी ?
दिन ,महीने ,साल गुज़रते चले जायेंगे और हो सकता है अंत में आप अपनी ज़िन्दगी जीने के तरीके पर regret करें…”मुझे ज़िन्दगी ऐसे जीनी चाहिए थी…ये करना चाहिए था … वो करना चाहिए था …. BUT……..”
Robin Sharma लिखते हैं -मैं बहुत से देशों में ज़िन्दगी जीने की skills पर lectures देता रहता हूँ …और सभी लोगों के प्रश्न घूमकर इसी प्रश्न पर आकर रुकते हैं ” मैं अपनी ज़िन्दगी को और महत्वपूर्ण कैसे बना सकता हूँ ?”
रात से book का title ” Who will cry when you die” मन में घूम रहा था तभी आज दोपहर में एक ऐसी शख्सियत की मृत्यु की खबर मिली जो मेरे परिवार का सदस्य तो नहीं था लेकिन उन्होंने मेरे दिल पर गहरी छाप छोड़ी थी ….
कभी सहेली बनकर …कभी एक rolemodel बनकर…कभी माँ बनकर….उनका नाम था हरसँत मोहन कौर……..एक ऐसी ज़िंदादिल शख्सियत जिनकी मृत्यु की खबर सुनते ही दिल की धड़कन बढ़ गयी ,आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे…रह रहकर उनके साथ बिताये कितने ही लम्हे दिल के दरवाज़े पर दस्तक दे रहे हैं
सारी उम्र उन्होंने बच्चों को science पढ़ाने में बिता दी ….science विषय पर कोई भी जानकारी आप उनसे प्राप्त कर सकते थे…तारा मंडल को study करने का बहुत शौक था उन्हें….भगवान के नाम का पाठ करना कभी नहीं भूलती थी…
जहाँ वो होती थीं वहां रौनक अपने आप लग जाती थी…गीत गाने ,ढोलकी बजाना…..खुश रहना और खुश रखना…..ऐसी ” हरफनमौला ” थी हमारी हरसँत मोहन कौर….. ek wonderful personality जिनको भूलना मुमकिन नहीं….
उन्होंने हमे जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन भी दिया …. काफी बड़ी थी मुझसे उम्र में…..कई बार उन्होंने मेरे सर पे हाथ रखकर आशीर्वाद दिया….कभी उनके आगे रोकर हमने अपना दिल हल्का कर लिया तो कभी सहेलियों की तरह उनके साथ कुलचे और गोलगप्पे खाने चले गए….उन्होंने वाकई हमारे (मेरे और कई और दोस्तों के ) दिल को छुआ था
पिछले महीने ही तो उनसे मिलने उनके घर गयी थी मैं….प्यार से मुझे “moni ” बुलाते थे ….कोई नहीं रहा अब “moni ” बुलाने वाला…भगवान उनकी आत्मा को शांति दें …वे सदा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी…..सुना है भगवान हमे इस संसार में किसी मकसद से भेजते हैं…शायद वो अपना मकसद पूरा करके ही इस संसार को अलविदा कहकर गयी हैं…… Friend,we will always miss you..
चलिए हम भी सोचें “क्या हम किसी के दिल में सदा के लिए जीवित रहेंगे ?”
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